How did lord krishna die?

भगवान कृष्णा की मृत्यु का रहस्य क्या था? जानिए उनके अंतिम समय की गूंज और रहस्यमयी कहानी

भगवान कृष्णा का अंतिम समय:How did lord krishna die?

1. अर्जुन व भगवान कृष्णा के विचारधारा में अंतर:

भगवान कृष्णा के अंतिम समय में, उनके दोनों दोस्त और भक्त, अर्जुन और उद्धव विशेष रूप से उनसे मिले। अर्जुन ने भगवान से अपने प्रियजनों के प्रति चिंता प्रकट की और भगवान ने उन्हें धार्मिक अनुशासन और जीवन के महत्वपूर्ण संदेश दिए। वह अर्जुन से युद्ध विषयक उपदेश करते हुए अपने अद्भुत विराट स्वरूप को प्रकट किया थे और उन्हें धर्मपुत्र नकुल की मृत्यु के बारे में भी बताया था।

वहीं, उद्धव भगवान कृष्णा के सबसे प्रिय भक्तों में से एक थे। उनकी अंतिम यात्रा में भगवान ने उनसे अपने भक्त और सम्प्रदाय के लिए धार्मिक उपदेश दिया। भगवान कृष्णा ने उद्धव को यह बताया कि अंत में तो सब कुछ व्यक्तिगत रूप से खत्म हो जाता है,

कैसे हुआ भगवान कृष्णा का निधन? भगवान कृष्णा की मृत्यु के पीछे का रहस्य

Krishna's Death

परिचय:

भगवान कृष्णा, भारतीय इतिहास के एक अद्भुत व्यक्ति और हिंदू धर्म के महानायक हैं। उनके जीवन के कई पहलूओं और युद्ध की कहानियों ने भारतीय संस्कृति में गूंज उठाई है। उनके जीवन के अंत में हुई उनकी मृत्यु की कथा भी विशेष महत्व रखती है। इस लेख में, हम जानेंगे कैसे हुआ भगवान कृष्णा का निधन और उसके पीछे के रहस्य को।

भगवान कृष्णा का विचारधारा और संदेश:

भगवान कृष्णा हमेशा से ही अहिंसा के पुजारी रहे हैं। उनके जीवन और उपदेशों में अहिंसा और धर्म के प्रचार-प्रसार का प्रमुख उद्देश्य था। उन्होंने अपने भक्तों को सत्य, न्याय, और समरसता के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। उनके विचारधारा ने धर्म और न्याय के प्रोत्साहन के लिए लोगों को प्रेरित किया।

भगवान कृष्णा की अंतिम यात्रा:

भगवान कृष्णा की अंतिम यात्रा बहुत विचित्र थी। उनके अंतिम समय में, उन्होंने द्वारका नगरी को गंवा दिया था और वनवासी विदर्भ के राजा भृगु के घर गए थे। वहां उनके सभी संबंधी और भक्त भी मिले थे। उन्होंने उनसे अपने धर्म और संदेश का ज्ञान बांटा।

कैसे हुआ भगवान कृष्णा का निधन?

कृष्णा के निधन के विषय में कई रहस्य और मिथक हैं। अनेक कथाएं और प्रशंसाएं इस विषय में उपलब्ध हैं, लेकिन वास्तविकता क्या है, इसका पूर्ण ज्ञान किसी को नहीं है।

एक प्रसिद्ध मिथक के अनुसार, भगवान कृष्णा की मृत्यु उनके द्वारका नगरी में हुई थी। एक दिन, भगवान कृष्णा ध्यान में लगे थे और उनके पैरों के नीचे एक बिल्कुल छोटी सी सांप आ गई। वह सांप विषाकारी थी और उसने भगवान कृष्णा के पैरों में अपना विष डाल दिया। भगवान कृष्णा ने उसे देख लिया और विषधारी सांप को बांहों में लेकर अपने बल्ली से उसे बजाया। भगवान कृष्णा के विषधारी सांप ने उन्हें बहुत तकलीफ दिया, लेकिन भगवान ने उसे बहुत ही साहसपूर्वक नाश कर दिया।

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समाप्ति:

भगवान कृष्णा के निधन का रहस्य अब भी गहरायी में छिपा है। भारतीय संस्कृति में उनका नाम निरंतर जीवित है और उनके जीवन और संदेश ने मानवता के लिए एक अद्भुत प्रेरणा स्रोत प्रदान किया है। हमें उनके संदेश को अपने जीवन में अमल करने का प्रयास करना चाहिए और उनके धर्म के मार्ग पर चलते हुए जीवन को समृद्धि और समरसता से भर देना चाहिए।

FAQs (पूछे जाने वाले प्रश्न):

1. कृष्णा का निधन कब हुआ था? भगवान कृष्णा की मृत्यु द्वारका नगरी में उनके ध्यान में हो गई थी। वैष्णव पंथ के अनुसार, उनकी मृत्यु सन् 3102 ईसा पूर्व हुई थी।

2. कृष्णा की मृत्यु का कारण क्या था? भगवान कृष्णा की मृत्यु के पीछे कई रहस्य हैं। एक मिथक के अनुसार, उन्हें एक विषधारी सांप ने जहर देकर मार दिया था। लेकिन वास्तविकता में इसका निर्णय नहीं है।

3. कृष्णा की मृत्यु का सम्बन्ध भगवान के धर्मिक संदेश के साथ है? जी हां, कृष्णा की मृत्यु उनके धर्मिक संदेश और अहिंसा के प्रमुख उद्देश्य से जुड़ी है। उनके जीवन और उपदेश ने लोगों को धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने

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